अजब-गजब: इस स्थान पर घर बनाने के लिए फ्री में जमीन दे रही सरकार, लेकिन फिर भी यहां बसने से लोग कर रहे इनकार, जानें वजह
- पिटकैर्न आइलैंड में नहीं बसना चाहता कोई
- यहां निवास करता है दुनिया का सबसे छोटा समुदाय
- बेसिक सुविधाओं का है टोटा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर किसी शख्स का सपना होता है कि वह एक ऐसी जगह अपना आशियाना बनाए जहां शांति और सूकून के साथ उसे जरुरत की छोटी-बड़ी सभी चीजें उपलब्ध हो जाएं। वह अपने जीवन के इस सबसे बड़े सपने को पूरा करने के लिए अपनी सारी पूंजी लगा देता है। ऐसे में यदि कोई घर बनाने के लिए फ्री में जमीन दे तो? दरअसल, ऐसा सच में हो रहा है जहां सरकार लोगों को घर बनाने के लिए फ्री में जमीन दे रही है। लेकिन हैरत की बात है कि कोई इसे लेना नहीं चाहता है।
भाग दौड़ भरी जिंदगी से कुछ समय का ब्रेक लेने के लिए लोग ऐसी जगह चाहते हैं जहां शांति हो। वह इसके लिए समुद्र के बीच आईलैंड का रुख करते हैं। हालांकि लोग यहां शांति की तलाश में जाते जरूर हैं, लेकिन यहां हमेशा के लिए बसना नहीं चाहते हैं। यदि आपको पता चले कि ऐसे ही एक आईलैंड पर रहने के लिए फ्री में जमीन मिल रही है, लेकिन कोई यहां अपनी पूरी जिंदगी गुजारना नहीं चाहता तो आप जरुर हैरत में पड़ जाएंगे। आइए जानते हैं इस जगह के बारे में सब कुछ
एक तरफ जहां आज चीन और भारत जैसे देश बढ़ती जनसंख्या से परेशान हैं तो वहीं कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां जनसंख्या ज्यादा न होने की वजह से लोगों को वहां रहने के लिए बुलाया जा रहा है। ऐसा ही एक स्थान है पिटकैर्न आइलैंड। कम जनसंख्या को लेकर परेशान इस आईलैंड की सरकार यहां पर आकर बसने वाले लोगों को फ्री में जमीन में दे रही है। हालांकि इसके बाद भी यहां बसने के लिए 2015 से लेकर अभी तक केवल एक ही आवेदन आया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां दुनिया का सबसे छोटा समुदाय निवास करता है, जिनकी आबादी केवल 50 है। यहां पर सिर्फ दो बच्चे हैं और जिनके लिए यहां कोई स्कूल भी नहीं है। उनको पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता है। यहां पर शहरों के जैसे होहल्ला नहीं है और यहां रहने वाले लोग अपनी छोटी दुनिया में बेहद खुश रहते हैं।
इस द्वीप पर बेसिक सुविधाओं का टोटा है। यहां निवास करने वाली एक 21 साल की टोरिका क्रिश्चियन बताती हैं कि सिर्फ एक मील लंबा और 1 मील चौड़ा यह आइलैंड दुनिया से काफी अलग है। न यहां कोई एयरपोर्ट नहीं है और न हीं अच्छे रोड। यहां पर रहने वाले लोग सप्लाई जहाजों से यात्रा करते हैं। यहां की सबसे खास बात यह है कि सप्लाई वाला जहाज यहां हफ्ते में सिर्फ दो दिन आता है। जो कि पिटकैर्न आइलैंड से गैंबियर आइलैंड तक चलता है। यहां छुट्टियां बिताने वाले लोग भी इसी जहाज के जरिए यहां आते हैं।
बता दें कि साल 1978 में बसे इस आइलैंड के लोगों की कमाई स्टैंप, मॉडल शिप्स और फिश वॉल के जरिए होती है। यहां बेसिक सुविधाओं के नाम पर एक जनरल स्टोर, जिम, मेडिकल सेंटर, लाइब्रेरी, टूरिज़्म ऑफिस हैं। हालांकि इतनी शांति होने के बावजूद भी लोग यहां पर बसना नहीं चाहते हैं।